- 3 नवंबर, 2017 को साहित्य के क्षेत्र में दिया जाने वाला देश का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार वर्ष 2017 के लिए हिंदी की लब्धप्रतिष्ठित लेखिका कृष्णा सोबती के प्रदान किए जाने की घोषणा की गई।
- प्रो. नामवर सिंह की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने कृष्णा सोबती को इस पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया।
- यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली वह हिंदी की 11वीं रचनाकार है।
- इनसे पूर्व यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले हैं- सुमित्रानंदन पंत, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, अज्ञेय, महादेवी वर्मा, नरेश मेहता, निर्मल वर्मा, कुंवर नारायण, अमरकांत व श्रीलाल शुक्ल (दोनों संयुक्त रूप से वर्ष 2009 में) तथा केदार नाथ सिंह।
- पुरस्कारस्वरूप कृष्णा सोबती को 11 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा प्रदान की जाएगी।
- ध्यातव्य है की कृष्णा सोबती को उनके उपन्यास ‘जिंदगीनामा‘ के लिए वर्ष 1980 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था।
- इनको साहित्य अकादमी पुरस्कार,शलाका पुरस्कार, साहित्य अकादमी फेलोशिप तथा व्यास सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।
- इनकी प्रमुख उपन्यास हैं – सूरजमुखी अंधेरे के, जिंदगीनामा, दिलो-दानिश, समय सरगम, यारो के यार मित्रो मरजानी आदि।
- इनकी प्रमुख कहानियां हैं – बादलों के घेरे, मेरी मां कहाँ, दादी अम्मा, सिक्का बदल गया आदि।
- ज्ञातव्य है की 52वां ज्ञानपीठ पुरस्कार बांग्ला साहित्य के प्रसिद्ध कवि शंखा घोष को प्रदान किया गया था।
- उल्लेखनीय है की ज्ञानपीठ पुरस्कार संविधान के 8वीं अनुसूची में वर्णित 22 भारतीय भाषाओं में लेखन के लिए प्रदान किया जाता है।
- वर्ष 1965 में मलयालम साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार जी. शंकर कुरुप को प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था।
संभावित प्रश्न
प्रश्न:- 53वां ज्ञानपीठ पुरस्कार, 2017 किसे प्रदान करने की घोषणा की गई है?
(a) कृष्णा सोबती (b) शंखा घोष
(c) रघुवीर चौधरी (d) केदार नाथ सिंह
उत्तर – (a)