- प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी को विश्व आद्र भूमि दिवस मनाया जाता है।
- इसी दिन आद्र भूमि रामसर समझौते को अपनाया गया था।
- आद्र भूमि पर समझौते को रामसर समझौता कहा जाता है।
- यह अंतर सरकारी संधि है, जो आद्र भूमि के संरक्षण और उचित उपयोग तथा उनके संसाधनों के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग का ढांचा प्रदान करती है।
- यह समझौता 1971 में ईरान के रामसर शहर में अपनाया गया।
- भारत 1982 से इस समझौते का सदस्य है और आद्र भूमि के उचित इस्तेमाल में रामसर दृष्टिकोण के प्रति संकल्पबद्ध है।
- पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने असम सरकार के वन विभाग के साथ सहयोग से 2 फरवरी,2018 को गुवाहाटी में रामसर स्थल दीपोर बील में राष्ट्रीय स्तरीय विश्व आद्र भूमि दिवस 2018 का आयोजन किया।
- इसका थीम है – ‘सतत शहरी भविष्य के लिए आद्र भूमि‘।
- पर्यावण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय आद्र भूमि संरक्षण के लिए नोडल मंत्रालय है।
- यह 1985 से रामसर स्थलों सहित आद्र भूमि के संरक्षण और प्रबंधन के लिए प्रबंधनकारी योजना के डिजाइन और कार्यान्वन में राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को समर्थन दे रहा है।
- 140 से अधिक आद्र भूमियों के लिए प्रबंध कार्रवाई योजना लागू करने के लिए राज्य सरकारों को तकनीकी सहायता प्रदान की गई है।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार 40 मिलियन हेक्टेयर से अधिक जमीन यानी भारत की 12 प्रतिशत भूमि बाढ़ और नदी के कटाव की संभावना से घिरी हुई है।
- कुल भौगोलिक क्षेत्र में आद्र भूमि 4.7 प्रतिशत है।
संभावित प्रश्न
प्रश्न:- विश्व आद्र भूमि दिवस कब मनाया जाता है?
(a) 1 फरवरी (b) 5 फरवरी
(c) 3 फरवरी (d) 2 फरवरी
उत्तर- (d)