- दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजूजेवाई) के तहत 32 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में कुल 42,565 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
- देश में 18,452 जनगणना गांवों (2011 की जनगणना के अनुसार 5,97,644 के कुल ग्रामीण बस्तियों में से) में 1 अप्रैल 2015 तक राज्यों द्वारा विद्युतीकृत नहीं किए गए थे।
- 30 नवंबर, 2017 तक, 15,183 गांवों में विद्युतीकरण पूरा हो गया है और 1,052 गांवों में गैर-बसे हुए (गैर-आबाद) लोगों की सूचना मिली है।
- बचे हुए 2217 गांवों में 1 मई 2018 तक विद्युतीकरण होने की उम्मीद है।
- ये 2217 गांव विभिन्न राज्यों अरुणाचल प्रदेश (1069), असम (214), बिहार (111), छत्तीसगढ़ (176), जम्मू और कश्मीर (99), झारखंड (176), कर्नाटक (8), मध्य प्रदेश (34), मणिपुर (54), मेघालय (50), मिजोरम (11), ओडिशा (182) और उत्तराखंड (33) में स्थित हैं।
- भारत सरकार ने सितंबर, 2017 में देश में सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण हासिल करने के लिए “प्रधानमंत्री सहज बिजल हर घर योजना (सौभाग्य)” नामक एक योजना की शुरुआत की।
- इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के सभी परिवारों को जोड़ना एवं बिजली कनेक्शन प्रदान करना है।
- ग्रामीण इलाकों में एसईसीसी आंकड़ों के आधार पर और शहरी इलाकों में आर्थिक रूप से गरीब परिवारों के आधार पर कम-से-कम वंचित रहने वाले सभी गैर-विद्युतीकृत परिवारों को मुफ्त बिजली के कनेक्शन दिए जाएंगे।
- इसके अलावा दूसरे परिवारों से बिल के साथ दस समान किश्तों में प्रति परिवार 500 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।
- दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित घरों को सौर फोटोवोल्टाइक (एसपीवी) आधारित स्टैंडअलोन पद्दति के साथ एलईडी लाइट, पंखे, पावर प्लग इत्यादि प्रदान किया जाएगा।
- 31 मार्च, 2019 तक सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- इस योजना की शुरुआत 28 नवंबर, 2017 को मणिपुर में हुआ था और मणिपुर के 1.75 लाख परिवारों (1.62 लाख ग्रामीण परिवारों और 0.13 लाख शहरी परिवारों) को इस योजना के तहत शामिल करने का प्रस्ताव है।
- एकीकृत ऊर्जा विकास योजना (आईपीडीएस) का उद्देश्य शहरी क्षेत्र में गुणवत्ता और विश्वसनीय 24X7 निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करना है।
- उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (यूडीएवाई), जो बिजली वितरण कंपनियों के वित्तीय और परिचालन को घाटे से उबार कर लाभ में लाने के लिए एक योजना है, सरकार द्वारा विभिन्न हितधारकों के परामर्श से रूप-रेखा देकर 20 नवंबर, 2015 को शुरू की गई थी।
- इस योजना का उद्देश्य लगभग 4.3 लाख करोड़ रुपयों के लंबे समय से कर्ज और भविष्य में संभावित नुकसान का स्थायी समाधान करना है।
- नागालैंड, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव ने 20 नवंबर, 2017 को यूडीएवाई योजना के तहत भारत सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
- इसके साथ ही, अब तक यूडीएवाई में 27 राज्य और 4 संघ राज्य क्षेत्र शामिल हो चुके हैं।
- पारदर्शी सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण की निगरानी के लिए एक प्लेटफॉर्म ‘सौभाग्य‘ वेब पोर्टल को 16 नवंबर, 2017 को शुरू किया गया।
- भारतीय पावर सेक्टर सूचना के समेकन और प्रसार के लिए एक केंद्रीयीकृत प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय पावर पोर्टल (एनपीपी) को 14 नवंबर, 2017 को शुरू किया गया, जो मंत्रालय द्वारा पूर्व में आरंभ किए गए सभी पावर सेक्टर ऐप्स के लिए एक सिंगल प्वाइंट इंटरफेस होगा।
- वेब पोर्टल ‘मेरिट’(मेरिट ऑर्डर डिस्पेच ऑफ इलेक्ट्रसिटी फॉर रिजुनवेशन ऑफ इनकम एंड ट्रांसपरेंसी) को 23 जून 2017 को शुरू किया गया।
- यह मोबाइल एप्प और वेब पोर्टल राज्यों द्वारा प्रेषित वास्तविक आंकड़ों को पारदर्शी रूप से प्रदर्शित करता है और राज्यों को उनकी बिजली खरीद पोर्टफोलियो में सुधार के लिए अवसर मुहैया करता है।
- सीपीआरआई ने देश की पहली फासर मापन यूनिट (पीएमयू) परीक्षण की सुविधा स्थापित की है।
- प्रधानमंत्री ने 5 जनवरी, 2015 को राष्ट्रीय एलईडी कार्यक्रम को सस्ती दरों पर सबसे कुशल प्रकाश प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुभारंभ किया।
- ऊर्जा संरक्षण भवन कोड(Energy Conservation Building Codes) के नवीनीकृत संस्करण, 2017 जून,2017 में शुरू किया गया था।
- यात्री कारों के लिए कॉरपोरेट औसत ईंधन खपत मानक (सीएएफसी), जो अप्रैल, 2015 को अधिसूचित किया गया था, 1 अप्रैल, 2017 को प्रभावी हो गया है।