- 1 अप्रैल, 2016 से पूर्ववर्ती इंदिरा आवास योजना की प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के रूप में पुनर्संरचना की गई है।
- इस योजना का लक्ष्य ‘2022 तक सभी को आवास’ उपलब्ध करने का है।
- मंत्रालय का इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण भारत में मैदानी क्षेत्रों में प्रति एकक 1.20 लाख रुपये एवं दुर्गम क्षेत्रों/पहाड़ी राज्यों/ आईएपी ज़िलों में 1.30 लाख रुपये की सहायता से वर्ष 2018-19 तक 1 करोड़ आवासों का निर्माण करने का लक्ष्य है।
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना अधिनियम का उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों में एक वित्त वर्ष में न्यूनतम एक सौ दिनों का तयशुदा रोज़गार देकर आजीविका सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
- वित्त वर्ष 2017-18 में 48,000 करोड़ रुपये का आवंटन मनरेगा के तहत किया गया है जो अब तक का सर्वाधिक आवंटन है।
- वर्ष 2017-18 में अब तक 4.35 करोड़ घरों को 156 लाख कार्यों में रोज़गार प्रदान किया जा चुका है। कुल रोज़गार में से 54% रोज़गार महिलाओं के लिए सृजित हुआ है जो वैधानिक तौर पर आवश्यक 33% से बहुत अधिक है।
- सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना- 2011 के अनुसार 5.40 करोड़ घर भूमिहीन घरों की श्रेणी में आते हैं, जो अपने जीविकोपार्जन के लिये अनियत श्रम पर निर्भर हैं।
- सरकार इन घरों को, जिनके पास जॉब कार्ड नहीं हैं एवं वे इच्छुक हैं, मनरेगा के अंतर्गत रोज़गार प्रदान करने के लिए काफी प्रयास कर रही है।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का प्राथमिक उद्देश्य हर मौसम के अनुकूल सड़कों का निर्माण कर सम्पर्क स्थापित करना है।
- प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत कुल 1,78,184 वैध बसावटों में से 1,45,158 बसावटें जोड़ी जा चुकी हैं, जिससे कुल जोड़ी हुई बसावटें 82% हो चुकी हैं।
- प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-III के अंतर्गत 1.07 लाख किलोमीटर का सड़क बेहतरीकरण प्रस्तावित है।
- इस कार्य हेतु केंद्र सरकार 19000 करोड़ की वार्षिक धनराशि वर्ष 2022 तक बनाए रखेगी।
- प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत तय कुल सड़कों की 15% सड़कों का निर्माण नवीन हरित प्रौद्योगिकी के ज़रिये किया जा रहा है,जैसे बेकार प्लास्टिक, कोल्ड-मिक्स, फ्लाई एश, तांबे एवं लोहे का धातुमल इत्यादि।
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत पांच उपयोजनाएं शामिल हैं- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना, राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना एवं अन्नपूर्णा योजना।
- राज्यों के सामाजिक कल्याण विभागों द्वारा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में कार्यान्वित किये गए हैं।
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम 2.40 करोड़ वृद्ध पेंशनरों, 70.43 लाख विधवा पेंशनरों एवं 10.32 लाख विकलांग पेंशनरों समेत कुल 3.20 करोड़ लाभार्थियों को कवर करता है ।
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम डीबीटी योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है एवं मौजूदा वर्ष में गुजरात एवं केंद्र शासित लक्षद्वीप डीबीटी के माध्यम से 100% ट्रांसफर का प्रयोग कर रहे हैं।
- डीबीटी का आंशिक क्रियान्वयन झारखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ में किया गया है।
- दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य 8-9 करोड़ ग्रामीण निर्धन घरों तक पहुंचकर हर घर से एक महिला को लेकर गांव एवं उच्चतर स्तर पर महिला स्वयं सहायता समूहों एवं संघों का निर्माण करना है।
- वर्ष 2017-18 के दौरान अब तक, 56 लाख से अधिक घर 4.84 लाख स्वयं सहायता समूहों में जुटाए गए हैं।
- महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के अंतर्गत 17 राज्यों में 33 लाख से अधिक महिला किसानों को कृषि क्षेत्र में सशक्त बनाने एवं कृषि आधारित आजीविका में उनकी भागीदारी एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए कवर किया गया है।
- दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की उपयोजना के तहत स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को जीविकोपार्जन का वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराने के लिए “आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना” प्रारंभ की गई।
- इसमें सुरक्षित, सस्ता एवं सामुदायिक निगरानी वाला ग्रामीण परिवहन (ई-रिक्शा, तीन एवं चार पहियों वाले मोटर-चालित वाहन) उपलब्ध कराने के लिए पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सेवाओं की शुरुआत की गई ताकि दूरस्थ गांवों को प्रमुख सेवाओं एवं सुविधाओं (बाज़ारों, शिक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधी ढांचे) से जोड़ा जा सके।
- उपयोजना पायलट आधार पर तीन वर्ष के लिए 2017-18 से 2019-20 तक देश के 250 ब्लॉक में क्रियान्वित की जाएगी।
- अभी तक 17 राज्यों से प्रस्ताव स्वीकृत हो चुके हैं एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 153 वाहनों ने काम करना शुरू कर दिया है।
- स्टार्टअप ग्रामीण उद्यमिता योजना (SVEP) दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की ही उपयोजना है जिसको स्थानीय स्तर पर उद्यमिता चुनने के लिए ग्रामीण युवाओं की मदद के लिये बनाया गया है।
- अब तक 17 राज्यों में 7800 उद्यम प्रोत्साहन का लाभ पा चुके हैं।
- वर्ष 2018-19 के दौरान इस योजना से 25000 अतिरिक्त उद्यमियों को मदद मिलेगी।
- दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना नियुक्ति से जुड़ा हुआ कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम है एवं गांवों के निर्धन युवाओं को रोज़गारपरक कौशल से सशक्त बनाने एवं नियमित श्रम बाज़ार में उनकी भागीदारी का अवसर प्रदान करने का माध्यम है।
- वर्तमान में यह 28 राज्यों में कार्यान्वित किया जा रहा है।
- वर्तमान में ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण संस्थान 56 पेशों में प्रशिक्षण दे रहा है जिनमें कृषि, प्रसंस्करण, उत्पाद निर्माण एवं सामान्य ईडीपी शामिल है।
- ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण संस्थान का नेशनल सेंटर फॉर एक्सीलेंस संस्थानों द्वारा वर्ष 2016-17 के लिए उद्यमिता विकास में अभूतपूर्व योगदान के लिये एसोचैम द्वारा “कौशल विकास में सर्वश्रेष्ठ ग़ैर सरकारी संगठन” चयनित हुआ।
- एक अन्य पहल “कौशल पंजी” की शुरुआत भी की गई जो ग्रामीण स्वरोज़गार एवं प्रशिक्षण संस्थानों एव डीडीयू-जीकेवाई हेतु उम्मीदवारों को अवसर देने के लिए एक नागरिक-केंद्रित समाधान मुहैया कराता है।
- सरकार ने 16 सितंबर, 2015 को 5142.08 करोड़ की लागत से ग्रामीण क्षेत्रों को आर्थिक, सामाजिक एवं प्रत्यक्ष तौर पर टिकाऊ स्थान बनाने के उद्देश्य से श्यामा प्रसाद मुखर्जी शहरी-ग्रामीण मिशन को स्वीकृति दी।
- इस मिशन के अंतर्गत 29 राज्यों एवं 5 केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित 300 सघन ग्रामीण बसावटों की पहचान की जानी है, जिनमें कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु स्पष्ट कार्य-पद्धतियों के माध्यम से विकास किया जाना है।
- देश के सभी भागों में मॉडल ग्राम पंचायतों के उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए प्रधानमंत्री ने 11 अक्टूबर, 2014 को सांसद आदर्श ग्राम योजना शुरू की थी।
- संसद सदस्यों ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत 18 दिसंबर, 2017 तक 1241 ग्राम पंचायतों को गोद ले लिया था।