राज्य सभा

0
390
राज्य सभा का इतिहास
 
  • राज्य सभा पहली बार कब गठित की गई थी ?
    उत्तर: 3 अप्रैल, 1952 को ।
  • राज्य सभा की पहली बैठक कब हुई ?
    उत्तर: 13 मई, 1952 को ।
  • काउंसिल ऑफ स्टेट्स का हिन्दी नाम ‘राज्य सभा’ कब पड़ा ?
    उत्तर: 23 अगस्त, 1954 को । राज्य सभा के सभापति ने सभा में एक घोषणा की कि काउंसिल ऑफ स्टेट्स को अब हिन्दी में ‘राज्य सभा’ कहा जाएगा।
  • राज्य सभा के पहले सभापति कौन थे?
    उत्तर: डा. एस. राधाकृष्णन।
  • राज्य सभा के पहले उप-सभापति कौन थे?
    उत्तर: श्री एस. वी. कृष्णमूर्ति राव (31.5.1952 – 2.4.1956 और 25.4.1956-1.3.1962)।
  • राज्य सभा के कौन-कौन से सभापति लगातार दो कार्यकाल तक इस पद पर रहे?
    उत्तर: डॉ. एस. राधाकृष्णन राज्य सभा के पहले ऐसे सभापति थे, जो लगातार दो बार (13.05.1952 से 12.05.1962 तक) राज्य सभा के सभापति रहे। श्री मो. हामिद अंसारी भी लगातार दो कार्यकाल के लिए (11.08.2007 से 10.08.2012 तक और 11.08.2012 से 10.08.2017 तक) भारत के उप-राष्ट्रपति रहे ।
राज्य सभा की संरचना
  • राज्य सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या कितनी है?
    उत्तर: दो सौ पचास (250), जिसमें से 238 सदस्य निर्वाचित किए जाते हैं और 12 सदस्य भारत के राष्ट्रपति द्वारा नाम-निर्देशित किए जाते हैं।
  • राज्य सभा के सदस्यों की वास्तविक संख्या कितनी है?
    उत्तर: दो सौ पैंतालीस (245), जिसमें से 233 सदस्य निर्वाचित और 12 सदस्य नाम-निर्देशित किए जाते हैं।
  • राज्य सभा में प्रत्येक राज्य के कितने सदस्य हैं?
    उत्तर:
राज्यस्थानों की संख्या
आंध्र प्रदेश11
अरुणाचल प्रदेश1
असम7
बिहार16
छत्तीसगढ़5
गोवा1
गुजरात11
हरियाणा5
हिमाचल प्रदेश3
जम्मू और कश्मीर4
झारखण्ड6
कर्णाटक12
केरल9
मध्य प्रदेश11
महाराष्ट्र19
मणिपुर1
मेघालय1
मिजोरम1
नागालैंड1
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली3
उड़ीसा10
पुडुचेरी1
पंजाब7
राजस्थान10
सिक्किम1
तमिलनाडु18
तेलंगाना7
त्रिपुरा1
उत्तरांचल3
उत्तर प्रदेश31
पश्चिम बंगाल16
  • वर्तमान में संघ राज्य क्षेत्रों से कितने सदस्य निर्वाचित होते हैं ?
    उत्तर: संघ राज्य क्षेत्रों से कुल आठ सदस्य निर्वाचित होते हैं (3 दिल्ली से,1 पुडुचेरी से एबं 4 जम्मू और कश्मीर से)। अन्य संघ राज्य क्षेत्रों का राज्य सभा में प्रतिनिधित्व नहीं है।
  • राज्य सभा को स्थायी निकाय क्यों कहा जाता है?
    उत्तर: राज्य सभा का विघटन नहीं होता है; इसके एक-तिहाई सदस्य प्रत्येक दो वर्षों में सेवा-निवृत्त हो जाते हैं।
  • राज्य सभा के सदस्य का कार्यकाल कितना होता है?
    उत्तर: सामान्यत: एक सदस्य का निर्वाचन छ: वर्षों के लिए होता है; परन्तु किसी मध्यावधि चुनाव में निर्वाचित सदस्य सिर्फ शेष अवधि के लिए ही सेवारत रहता है।
  • राज्य सभा की बैठक कराने के लिए गणपूर्ति कितनी होती है ?
    उत्तर: सभा के सदस्यों की कुल संख्या का दसवाँ भाग अर्थात् 25 सदस्य।
राज्य सभा के अधिकारी
  • राज्य सभा के सभापति के रूप में कौन कार्य करता है ?
    उत्तर: उप-राष्ट्रपति राज्य सभा के पदेन सभापति हैं।
  • भारत के उप-राष्ट्रपति का निर्वाचन कैसे होता है ?
    उत्तर: उप-राष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है।
  • भारत के उप-राष्ट्रपति का कार्यकाल कितना है ?
    उत्तर: उप-राष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तारीख से पाँच वर्ष की अवधि तक पद धारण करते हैं।
  • उप-सभापति का निर्वाचन कैसे होता है?
    उत्तर: उप-सभापति का निर्वाचन राज्य सभा के सदस्यों द्वारा राज्य सभा के सदस्यों में से किया जाता है।
  • उप-सभापति के उत्तरदायित्व क्या हैं?
    उत्तर: जिस समय सभापति का पद रिक्त हो, अथवा किसी ऐसी अवधि के दौरान जब उप-राष्ट्रपति, राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रहे हों, अथवा राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन कर रहे हों, उस समय सभापति के पद के दायित्व उप-सभापति द्वारा निष्पादित किए जाते हैं।
  • सभापति और उप-सभापति, दोनों की अनुपस्थिति में राज्य सभा की कार्यवाही के दौरान कौन पीठासीन होता है?उत्तर: राज्य सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन विषयक नियम के नियम 8 के अधीन राज्य सभा के सभापति उपसभाध्यक्ष के पैनल के लिए छ: सदस्यों को नामनिर्देशित करते हैं, जिनमें से एक सदस्य सभापति और उपसभापति दोनों की अनुपस्थिति में सभा की अध्यक्षता करता है। जब सभापति, उपसभापति और उपसभाध्यक्ष में से कोई भी अध्यक्षता करने के लिए उपस्थित नहीं होता है तब सभा किसी अन्य उपस्थित सदस्य के अध्यक्षता करने के बारे में निर्णय कर सकती है।
राज्य सभा के सदस्य
  • राज्य सभा के सदस्यों का निर्वाचन कैसे होता है?
    उत्तर: राज्य सभा के सदस्यों का निर्वाचन राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाता है।
  • क्या सदस्य को उस राज्य का अधिवासी होना चाहिए जहां से वह राज्य सभा के लिए निर्वाचित होता है?
    उत्तर: नहीं। यह कतई आवश्यक नहीं है। वह भारत में किसी भी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का निर्वाचक हो सकता है।
  • क्या राज्य सभा में नाम-निर्देशित सदस्य होते हैं?
    उत्तर: हां, भारत के राष्ट्रपति द्वारा ऐसे व्यक्तियों में से बारह सदस्य नाम-निर्देशित किए जाते हैं जिन्हें साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव हो।
  • राज्य सभा की पहली नाम-निर्देशित महिला सदस्य कौन थी?
    उत्तर: श्रीमती रुक्मिणी देवी अरुन्दले (1952-56 और 1956-62)
  • वर्तमान में राज्य सभा का सबसे युवा सदस्य कौन है?

    उत्तर: श्री राघव चड्ढा

  • वर्तमान में राज्य सभा का सबसे बुजुर्ग सदस्य कौन है?
    उत्तर: डा. मनमोहन सिंह।
  • वर्तमान में राज्य सभा में सबसे लंबे समय से सेवारत सदस्य कौन है?
    उत्तर: डा. मनमोहन सिंह
 

समितियाँ
  • राज्य सभा की संसदीय समितियों के विभिन्न वर्ग कौन-कौन से हैं?
    उत्तर: राज्य सभा की संसदीय समितियां तदर्थ समितियों और स्थायी समितियों के रूप में वर्गीकृत की जा सकती हैं।
  • तदर्थ समितियां क्या हैं?
    उत्तर: तदर्थ समितियाँ वे हैं जिनका गठन सभा द्वारा अथवा सभापति द्वारा अथवा दोनों सभाओं के पीठासीन अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से विशिष्ट मामलों पर विचार करने और प्रतिवेदन देने के लिए किया जाता है। इन समितियों का कार्यकाल अपना काम पूरा करते ही समाप्त हो जाता है। इन समितियों को दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:
    (क) विधेयकों पर विचार करने और प्रतिवेदन देने के विशेष प्रस्ताव पर सभा(ओं) द्वारा गठित विधेयकों संबंधी प्रवर/संयुक्त समितियाँ; और
    (ख) विशिष्ट विषयों की जांच करने और प्रतिवेदन देने के लिए समय-समय पर गठित समितियाँ।
  • स्थायी समितियाँ क्या हैं?
    उत्तर: स्थायी समितियाँ वे स्थायी समितियाँ हैं जिनके सदस्य प्रतिवर्ष या समय-समय पर या तो सभा द्वारा निर्वाचित किए जाते हैं या सभापति द्वारा नाम-निर्देशित किए जाते हैं। ये हैं: कार्य मंत्रणा समिति, सामान्य प्रयोजन समिति, सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति, आवास समिति, याचिका समिति, अधीनस्थ विधान संबंधी समिति, सभा पटल पर रखे गए पत्रों संबंधी समिति, विशेषाधिकार समिति, नियम समिति, आचार समिति, राज्य सभा के सदस्यों को कंप्यूटर का प्रावधान करने संबंधी समिति, एमपीलैड संबंधी समिति और विभाग संबंधित स्थायी समितियाँ।
  • विभाग-संबंधित स्थायी समितियाँ क्या हैं?
    उत्तर: संसद के प्रति सरकार को और अधिक उत्तरदायी बनाने के प्रयोजन से केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों को सौंपे गए कार्यों की संवीक्षा करने के लिए वर्ष 1993 में विभाग-संबंधित स्थायी समितियां गठित की गईं।
  • कितनी विभाग-संबंधित स्थायी समितियां गठित की गई हैं?
    उत्तर: चौबीस विभाग-संबंधित स्थायी समितियां गठित की गई हैं जिनके इकतीस से ज्यादा सदस्य नहीं हैं, इनमें से इक्कीस सदस्य लोकसभाध्यक्ष द्वारा और दस सदस्य राज्य सभा के सभापति द्वारा नाम-निर्देशित किए जाते हैं।
  • विभाग-संबंधित स्थायी समितियों के मुख्य कार्य क्या हैं?उत्तर: इन समितियों के निम्नलिखित कार्य हैं:
    (क) संबंधित मंत्रालयों/विभागों की अनुदान मांगों पर विचार करना और उस पर प्रतिवेदन देना;
    (ख) संबंधित मंत्रालयों/विभागों से संबंधित विधेयकों, जिन्हें समिति को भेजा गया है, की जांच करना और उन पर प्रतिवेदन देना;
    (ग) मंत्रालयों/विभागों के वार्षिक प्रतिवेदनों पर विचार करना और उन पर प्रतिवेदन देना; और
    (घ) राष्ट्रीय मूलभूत दीर्घकालिक नीतिगत दस्तावेजों पर विचार करना और उन पर प्रतिवेदन देना ।
  • राज्य सभा और लोक सभा के अधिकार क्षेत्र में कितनी विभाग-संबंधित स्थायी समितियां हैं?
    उत्तर: आठ विभाग-संबंधित स्थायी समितियां राज्य सभा के सभापति के नियंत्रण और निदेश के अधीन कार्य करती हैं जबकि ऐसी सोलह समितियां लोकसभाध्यक्ष के नियंत्रण और निदेश के अधीन कार्य करती हैं।
  • राज्य सभा के अधीन कौन-कौन सी विभाग-संबंधित स्थायी समितियां हैं और उनके कार्यक्षेत्र के अधीन कौन-कौन मंत्रालय/विभाग हैं?
    उत्तर:
क्र. सं.समिति का नाममंत्रालय/विभाग
1.वाणिज्य संबंधी समितिवाणिज्य और उद्योग
2.गृह कार्य संबंधी समिति(1) गृह
(2) उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास
3.शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी समिति(1) शिक्षा
(2) युवक कार्यक्रम और खेल
(3) महिला एवं बाल विकास
4.उद्योग संबंधी समिति(1) भारी उद्योग
(2) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई)
5.विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और वन संबंधी समिति(1) विज्ञान और प्रौद्योगिकी
(2) अन्तरिक्ष
(3) परमाणु ऊर्जा
(4)पर्यावरण और वन
(5)पृथ्वी विज्ञान 

 

6.परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी समिति(1) नागर विमानन

(2)सड़क परिवहन और राजमार्ग
(3) पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग

(4) संस्कृति
(5)पर्यटन

7.कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय संबंधी समिति(1)विधि और न्याय
(2)कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन,
8.स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संबंधी समितिस्वास्थ्य और परिवार कल्याण
(2) आयुष
  • आचार समिति के क्या कार्य हैं?
    उत्तर: राज्य सभा के प्रक्रिया और कार्य-संचालन विषयक नियमों के नियम 290 के अन्तर्गत आचार समिति के निम्नलिखित कार्य हैं:-
    1. सदस्यों के सदाचार और नैतिक आचरण पर ध्यान रखना,
    2. सदस्यों के लिए आचार संहिता तैयार करना और राज्य सभा को प्रतिवेदन के रूप में आचार संहिता में समय-समय पर संशोधन या परिवर्तन करने के लिए सुझाव देना;
    3. सदस्यों के कथित आचरण और अन्य दुराचरण से संबंधित मामलों अथवा सदस्यों द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन किए जाने की जांच करना;
    4. स्वप्रेरण से अथवा विशिष्ट अनुरोध प्राप्त होने पर समय-समय पर आचार विषयक मानदण्डों से संबंधित प्रश्नों पर सदस्यों को सलाह देना।
  • आचार समिति कौन-कौन से प्रतिबंध लगा सकती है?
    उत्तर: समिति निम्नलिखित प्रतिबंधों में से एक या एकाधिक प्रतिबंधों को लगाए जाने की सिफारिश कर सकती है:
    (क) निंदा;
    (ख) फटकार;
    (ग) किसी विशेष अवधि के लिए सभा से निलंबन; और
    (घ) समिति द्वारा निर्धारित कोई अन्य प्रतिबंध जो उचित समझा जाए।

साभार : राज्य सभा वेबसाइट

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here