
- सितंबर, 2017 में जारी एसआरएस बुलेटिन के मुताबिक, वर्ष 2016 में भारत के आईएमआर में तीन अंकों (8 प्रतिशत) की गिरावट दर्ज की गई है।
- वर्ष 2015 में जन्में 1000 बच्चों में से 37 बच्चों की मृत्यु की तुलना में यह आंकड़ा वर्ष 2016 में घटकर 34 के स्तर पर आ गया है।
- भारत में जन्में कुल बच्चों की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी देखने को मिली है, जो पहली बार घटकर 25 मिलियन के स्तर से नीचे आई है।
- वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 के दौरान भारत में 90,000 कम नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई।
- वर्ष 2015 में 9.3 लाख नवजात शिशुओं की मृत्यु की तुलना में वर्ष 2016 में 8.4 लाख नवजात शिशुओं की मृत्यु होने का अनुमान है।
- एसआरएस बुलेटिन के मुताबिक नवजात बच्चे एवं बच्चियों की संख्या में अंतर निरंतर घटता जा रहा है।
- नवजात बच्चियों एवं बच्चों की मृत्यु दर में अंतर घटकर अब 10 फीसदी से भी कम रह गया है।
- इससे सरकार की ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना को काफी बढ़ावा मिला है।
- सशक्त क्रियाशील समूह (ईएजी) वाले राज्यों में उत्तराखंड को छोड़कर सभी राज्यों के आईएमआर में वर्ष 2015 की तुलना में कमी दर्ज की गई है।
- यह कमी बिहार में 4 अंकों, असम, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं झारखंड में 3-3 अंकों और छत्तीसगढ़, ओडिशा एवं राजस्थान में 2-2 अंकों की रही है।
संभावित प्रश्न
प्रश्न:- एसआरएस बुलेटिन के मुताबिक, वर्ष 2016 में भारत में शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) कितना रहने का अनुमान है ?
(a) 35 (b) 38
(c) 34 (d) 39
उत्तर- (c)