- 21 दिसंबर, 2018 को नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) भारत सूची, 2018 जारी की।
- यह सूची 2030 एसडीजी लक्ष्यों को लागू करने में भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की प्रगति दर्शाती है।
- एसडीजी भारत सूची को सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट और संयुक्त राष्ट्र (भारत) के सहयोग से तैयार किया है।
- नीति आयोग दोहरी जिम्मेदारी निभाता है।
- आयोग को एक तरफ देश में एसडीजी के कार्यान्वयन की निगरानी की जिम्मेदारी है तो दूसरी तरफ राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक और सहयोगी संघवाद को प्रोत्साहित करने की भी जिम्मेदारी है।
- एसडीजी भारत सूची इन दोनों जिम्मेदारियों के बीच एक सेतु का काम करती है।
- एसडीजी को प्रधानमंत्री के “सबका साथ-सबका विकास” कार्यक्रम से भी जोड़कर देखा जा सकता है।
- इस कार्यक्रम में वैश्विक एसडीजी के पांच ‘पी’ को शामिल किया गया है – लोग (पीपुल), पृथ्वी (प्लेनेट), समृद्धि (प्रोसपिरिटी), सहयोग (पार्टनरशिप) और शांति (पीस)।
- विश्व अभी एसडीजी युग के तीसरे वर्ष में है।
- एसडीजी महत्वकांक्षी वैश्विक विकास लक्ष्य है जो सार्वभौमिक जन कल्याण से संबंधित है।
- ये लक्ष्य विभिन्न सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक पृष्ठभूमि वाले लोगों से संबंधित है तथा इनमें विकास के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय आयामों को शामिल किया गया है।
- भारत का राष्ट्रीय विकास एजेंडे की झलक एसडीजी में दिखाई पड़ती है।
- एसडीजी के क्षेत्र में भारत की प्रगति संपूर्ण विश्व के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में विश्व की 17 प्रतिशत आबादी निवास करती है।
- एसडीजी भारत सूची 62 प्राथमिक संकेतकों पर आधारित है।
- इन संकेतकों का चयन नीति आयोग ने किया है।
- इस सूची में 17 एसडीजी में से 13 के आंकड़ों को शामिल किया गया है।
- एसडीजी 12, 13 और 14 का मापन संभव नहीं हो सका क्योंकि इनसे संबंधित आंकड़े राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जा सके थे।
- एसडीजी 17 पर विचार नहीं किया गया है क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर आधारित है।
- कुल 13 एसडीजी के संदर्भ में प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश के प्रदर्शन को 0-100 के पैमाने पर मापा गया है।
- यह राज्यों के औसत प्रदर्शन को दिखलाता है।
- यदि किसी राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश ने 100 प्राप्त किया है तो इसका अर्थ है कि राज्य ने 2030 के राष्ट्रीय लक्ष्यों को हासिल कर लिया है।
- एसडीजी भारत सूची के वर्गीकरण का आधार :-
- आकांक्षी : 0 – 49
- अच्छा प्रदर्शन : 50 – 64
- अग्रणी : 65 – 99
- लक्ष्य प्राप्तकर्ता : 100
संपूर्ण | आकांक्षी | असम, बिहार और उत्तर प्रदेश |
अच्छा प्रदर्शन | आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादर और नागर हवेली, दमन और दीव, दिल्ली और लक्षद्वीप | |
अग्रणी | हिमाचल प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, चंडीगढ़ और पुदुच्चेरी | |
लक्ष्य प्राप्तकर्ता | कोई नहीं |
निष्कर्ष:-
विवरण | राज्य | केन्द्रशासित प्रदेश |
एसडीजी भारत सूची (अंक आधार) | 42-69 | 57-68 |
बेहतर प्रदर्शन करने वाले | हिमाचल प्रदेश और केरल | चंडीगढ़ |
आकांक्षी | उत्तर प्रदेश | दादर और नागर हवेली |
- स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता उपलब्ध कराने में, असमानता कम करने में और पर्वतीय पारिस्थितिकी को संरक्षित करने में हिमाचल प्रदेश ने उच्च स्थान प्राप्त किया है।
- अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने में, भूखमरी कम करने में, लैंगिक समानता हासिल करने में तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में केरल ने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है।
- स्वच्छ पेयजल व स्वच्छता उपलब्ध कराने में, किफायती व स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने में, आर्थिक विकास करने में और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने में चंडीगढ़ ने अग्रणी स्थान प्राप्त किया है।