तत्सम – किसी भाषा के मूल शब्द को ‘तत्सम’ कहते हैं। तत्सम (तत् + सम) का अर्थ है – उसके(संस्कृत से) समान।
तद्भव – ऐसे शब्द, जो संस्कृत और प्राकृत से विकृत होकर हिंदी में आये हैं, ‘तद्भव’ कहलाते हैं। तद्भव (तत् + भव) का अर्थ है – उससे(संस्कृत से) उत्पन्न।
महत्वपूर्ण तत्सम – तद्भव शब्दों की सूची निम्नलिखित हैं –
तत्सम तद्भव
अग्नि आग
अर्चि आँच
अद्य आज
अंगुष्ठ अंगुठा
अर्द्ध आधा
अंध अंधा
अंधकार अँधेरा
अमूल्य अमोल
अमृत अमीय
अमावस्या अमावस
अर्पण अरपन
अलवण अलोना
अश्रु आँसू
अष्ट आठ
अक्षर अच्छर
अक्षि आँख
अज्ञानी अनजान
आभीर अहीर
आखेट अहेर
आम्र आम
आर्द्रक अदरक
आशा आस
आश्रय आसरा
आश्चर्य अचरज
आम्रचूर्ण अमचूर
आलस्य आलस
आपात आवाँ
आषाढ़ असाढ़
आशीष असीस
इक्षु ईख
ईर्ष्या ईर्षा
इष्टिका ईंट
इयत इतना
उत्साह उछाह
उद्वर्तन उबटन
उष्ट्र ऊँट
उच्च ऊँचा
उलूक उल्लू
उपालम्भ उलाहना
उत्पद्यते उपजना
उतिष्ठ उठ
उज्ज्वल उजला
उद्घाटन उघाड़ना
ऊनपंचाशत् उन्चास
ऊनचत्वारिंशत् उन्तालीस
ऊनत्रिंशत् उन्तीस
ऊनविंशति उन्नीस
उपवास उपास
उलूखल ओखली
ऊर्ण ऊन
ऋक्ष रीछ
ऋषि रीसी
एकादश ग्यारह
एकत्र इकट्ठा
एला इलायची
एकल पुत्र एकलौता
ओष्ठ ओंठ
कंकण कंगन
कंकती कंघी
किरण किरन
कर्तव्य करतब
कर्म काम
कमल कँवल
कदली केला
कपाट किवाड़
कार्तिक कातिक
कपोत कबूतर
काष्ठगृह कटहरा
काष्ठपुत्तलिका कठपुतली
कंटकिफल कटहल
कर्पूर कपूर
कुपुत्र कपूत
कर्ण कान
कर्पट कपड़ा
कर्पास कपास
कुम्भकार कुम्हार
कूर्चिका कूंची
कर्कट केकड़ा
कुक्षि कोख
कोण कोना
कुटुम्ब कुटुम
काष्ठ काठ
क्रुद्ध क्रोधी
काँस्यकार कसेरा
कार्तिक कातिक
कक्षप कछुआ
कुब्ज कुबड़ा
कोटि करोड़
कपर्दिका कौड़ी
कुषमांड कुम्हड़ा
केदारिका क्यारी
कोद्रव कोंदो
कति कई
कृत्यगृह कचहरी
कटु कड़वा
कोकिल कोयल
काक कौआ
कुष्ठ कोढ़
कृष्ण किसन
कृषक किसान
किंचित कुछ
केवर्त केवट
कुमारी कुँवारी
क्लेश कलेश
कोष्ठिका कोठी
कूप कुआँ
काच काँच
कृपा किरपा
खटवा खाट
खर्पर खपड़ा
खर्जू खुजली
खण्डगृह खड़हर
खर्जूर खजूर
ग्राम गाँव
गर्दभ गदहा ( गधा )
गृद्ध गिद्ध
गर्जर गाजर
गोधूम गेहूँ
गर्भिणी गाभिन
ग्राहक गाहक
ग्रामीण गँवार
गृहिणी घरनी
गोस्वामी गुसाईं
गोपालक ग्वाला
गोत्र गोत
गोमय गोबर
गुहा गुफा
गणन गिनना
गायक गवैया
ग्रंथि गाँठ
ग्रीष्म गर्मी
गृह घर
गर्गर गागर
ग्रीवा गर्दन
गैरिक गेरु
घोटक घोड़ा
घट घड़ा
घृत घी
घृणा घिन्न ,घिन
घटिका घड़ी
चक्र चाक
चर्मकार चमार
चटिका चिड़िया
चूर्ण चूना
चतुर्वेदी चौबे
चतुष्कोण ` चौकोर
चतुष्पद चौपाया
चैत्र चैत
चतुष्काठ चौखठ
चंद्र चाँद
चित्रकार चितेरा
चरित्र चरित
चंचु चोंच
चरण चरन
छिद्र छेद
छेदनी छेनी
छाया छाह
छत्र छाता
जन्म जनम
जीर्ण झीना
जाड्य जाड़ा
जंघा जाँघ
ज्योति जोती
जिह्वा जीभ
जामाता जमाई
जेष्ठ जेठ
जृम्भिका जम्हाई
जुष्ट झूठा
झणत्कार झनकार
झामक झांवा
झरण झरना
टंकसाला टकसाल
टिट्टिभी टिटिहरी
डाकिनी डाइन
तदा तब
ताम्र ताँबा
तपस्वी तपसी
तृण तिनका
तड़ाग तालाब
तीक्ष्ण तीखा
त्वरित तुरंत
तुंद तोंद
तरकन ताँकना
तरवारि तलवार
तैल तेल
तीक्त तीता
तीर्थ तीरथ
तिथिवार त्यौहार
दंतधावन दातुन
दधि दही
दशम दसवाँ
दीपावली दिवाली
दीपशलाका दीया सलाई
दूर्वा दूब
द्रोण दोना
द्वितीया दूजा
द्विवर देवर
द्विप्रहरी दुपहरी
द्विसृत दूसरा
दुग्ध दूध
दृष्टि दीठि
धान्य धान
धूली धूल
धूम धुआँ
धावन धोना
धनिका धनिया
धरित्री धरती
नग्न नंगा
नयन नैन
नृत्य नाच
नक्षत्र नखत
नकुल नेवला
नप्तृ नाती
नापित नाई
नारिकेल नारियल
निम्बक नीबू
निष्ठुर निठुर
निद्रा नींद
पंक्ति पन्गत
पर्यंक पलंग
पत्र पत्ता
पुत्रवधू पतोहू
पण्यशालिक पनसारी
पक्ष पाख
प्रत्यभिज्ञान पहचान
प्रस्तर पत्थर
प्रहर पहर
प्रतिच्छाया परछाई
पिप्पल पीपल
पुराण पुराना
पाद पैर
पाषाण पाहन
पुष्य पूस
पौत्र पोता
फाल्गुन फागुन
बंध बांध
बिंदू बिंदी
बुध्यते बूझना
बलीवर्द बैल
भिक्षुक भिखारी
भ्रमर भौंरा
भ्रू भौंह
भ्रष्ट्रिका भट्ठी
भूषण भूसन
भातृजाया भावज(भौजाई)
भातृ भाई
भाल्लुक भालू
भाद्रपद भादों
मक्षिका मक्खी
महापात्र महावत
मर्कटी मकड़ी
मृत्तिका मिट्टी
मशक मच्छर
मत्स्य मछली
मंत्रकारी मदारी
मशकहरी मसहरी
मित्र मीत
मेघ मेह
मुकुट मौर
मौक्तिक मोती
मंडूक मेढ़क
मुख्य मुखिया
यति जति
यूथ जत्था
रजनी रैन
रक्षिका राखी
राजपुत्र राजपूत
राज्ञी रानी
रोम रोआँ
रिक्त रीता
रोदन रोना
रूक्ष रूखा
लवंग लौंग
लक्षपति लखपती
लज्जा लाज
लोचन लोयन
लोमशा लोमड़ी
लौहकार लोहार
लौह लोहा
लेपिका लेई
विक्षोभ विछोह
वानर बंदर
वक्र बाँका
वंध्या बाँझ
वर्धन बढ़ना
वर्तिका बत्ती
वार्ता बात
वाम बायां
वारिद बादल
वाराणसी बनारस
शर्करा शक्कर
श्वसुर ससुर
श्यामल सांवला
श्रावण सावन
श्रेष्ठि सेठ
शृंगार सिंगार
शूकर सुअर
षोडश सोलह
सुपुत्र सपूत
सर्षप सरसों
स्वाद सवाद
स्फोट फोड़ा
स्फुटन फूटना
स्फुर्ति फुर्ति
स्वप्न सपना
सौभाग्य सुहाग
सूचिका सूई
सूर्य सूरज
सुगंध सोंध
स्रोत सोता
स्वर्ण सोना
सूतिगृह सौरी
सपत्नी सौत
सुघट्ट सुघड़
स्वर्ग सरग
स्मरण सुमिरन
स्थल थल
स्थान थान
स्थिर थिर
सत्य सच
सप्तशती सतसई
होलिका होली
हृदय हिय
हस्त हाथ
हट्ट हाट
हरिण हिरन
हीरक हीरा
हरिद्रा हल्दी
हास्य हँसी
क्षत्रिय खत्री
क्षार खार
क्षेत्र खेत
क्षीर खीर
क्षेत्रित खेती
क्षुर खुर
पुरस्कार का तद्भव ???