- 3 अक्टूबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 2018-19 सीजन की सभी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है।
- इन फसलों का विपणन 2019-20 सीजन में होगा।
- इस किसान अनुकूल पहल से किसानों को 62,635 करोड़ रुपये का अतिरिक्त रिटर्न मिलेगा।
- इस पहल के तहत अधिसूचित फसलों की एमएसपी बढ़ाते हुए उत्पादन लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत रिटर्न सुनिश्चित किया गया है और इससे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी।
- गेहूं की एमएसपी में प्रति क्विंटल 105 रुपये, कुसुम की एमएसपी में प्रति क्विंटल 845 रुपये, जौ की एमएसपी में प्रति क्विंटल 30 रुपये, मसूर की एमएसपी में प्रति क्विंटल 225 रुपये, चने की एमएसपी में प्रति क्विंटल 220 रुपये तथा रेपसीड एवं सरसों की एमएसपी में प्रति क्विंटल 200 रुपये की वृद्धि की गई है।
- विवरणः
- गेहूं, जौ, चना, मसूर, रेपसीड एवं सरसों और कुसुम के लिए सरकार द्वारा तय की गई एमएसपी उत्पादन लागत के मुकाबले काफी अधिक है।
- गेहूं की उत्पादन लागत 866 रुपये प्रति क्विंटल और एमएसपी 1840 रुपये प्रति क्विंटल है, जो उत्पादन लागत की तुलना में 112.5 प्रतिशत का रिटर्न देती है।
- जौ की उत्पादन लागत 860 रुपये प्रति क्विंटल और एमएसपी 1440 रुपये प्रति क्विंटल है, जो 67.4 प्रतिशत का रिटर्न देती है।
- चने की उत्पादन लागत 2637 रुपये प्रति क्विंटल और एमएसपी 4620 रुपये प्रति क्विंटल है, जो 75.2 प्रतिशत का रिटर्न सुनिश्चित करती है।
- मसूर की उत्पादन लागत 2532 रुपये प्रति क्विंटल और एमएसपी 4475 रुपये प्रति क्विंटल है, जो 76.7 प्रतिशत का रिटर्न देती है।
- रेपसीड एवं सरसों की उत्पादन लागत 2212 रुपये प्रति क्विंटल और एमएसपी 4200 रुपये प्रति क्विंटल है, जो 89.9 प्रतिशत का रिटर्न सुनिश्चित करती है।
- कुसुम की उत्पादन लागत 3294 रुपये प्रति क्विंटल और एमएसपी 4945 रुपये प्रति क्विंटल है, जो 50.1 प्रतिशत का रिटर्न देती है।
- 2019-20 सीजन में विपणन की जाने वाली 2018-19 सीजन की सभी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों का उल्लेख नीचे किया गया हैः
फसल एमएसपी 2017-18 एमएसपी 2018-19
(रुपये प्रति क्विंटल) (रुपये प्रति क्विंटल)
गेहूं 1735 1840
जौ 1410 1440
चना 4400 4620
मसूर 4250 4475
कुसुम 4100 4945
रेपसीड एवं सरसों 4000 4200
- पृष्ठभूमिः
- सरकार द्वारा नई समग्र योजना ‘प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा)’ की घोषणा करने के परिणामस्वरूप अब एक ऐसी सुदृढ़ व्यवस्था उपलब्ध हो गई है, जिससे किसानों को एमएसपी अब पूर्ण रूप से प्राप्त होगी।
- इस समग्र योजना में तीन उप-योजनाएं यथा मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य अंतर भुगतान योजना (पीडीपीएस) और निजी खरीद एवं स्टॉकिस्ट योजना (पीपीएसएस) शामिल हैं, जिन्हें प्रायोगिक (पायलट) आधार पर शुरू किया गया है।
- सरकार ने 16,550 करोड़ रुपये की अतिरिक्त गारंटी देने का निर्णय लिया है जिसके फलस्वरूप कुल सरकारी गारंटी अब 45,550 करोड़ रुपये हो गई है।
- इसके अलावा, उपज खरीद परिचालन के लिए बजट प्रावधान भी बढ़ा दिया गया है और पीएम-आशा के कार्यान्वयन के लिए 15,053 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
- केन्द्र एवं राज्यों की खरीद एजेंसियां जैसे कि भारतीय खाद्य निगम, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड, छोटे किसान कृषि कारोबार कंसोर्टियम आगे भी रबी फसलों के लिए किसानों को मूल्य संबंधी समर्थन प्रदान करते रहेंगे।
संभावित प्रश्न
प्रश्न- 3 अक्टूबर, 2018 को आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 2018-19 सीजन की सभी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। गेहूं और चना के न्यूनतम समर्थन मूल्यों में क्रमशः कितनी वृद्धि की गई है?
(a) क्रमशः 105 रुपये और 220 रुपये
(b) क्रमशः 105 रुपये और 215 रुपये
(c) क्रमशः 115 रुपये और 220 रुपये
(d) क्रमशः 105 रुपये और 225 रुपये
उत्तर – (a)
संबंधित लिंक :
http://pib.nic.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1548396
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