- 16 जून, 2020 को उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ के गठन का निर्णय लिया गया।
- यह आयोग कामगारों और श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु गठित किया गया है।
- राज्य सरकार द्वारा इस आयोग का गठन प्रशासकीय रूप में किया जाएगा।
- यह आयोग एक उच्च स्तरीय संस्था होगी, जिसका उद्देश्य सरकारी तथा गैर-सरकारी क्षेत्र में अधिकाधिक सेवायोजन एवं रोजगार के अवसर सृजित करना एवं इसमें सतत अभिवृद्धि करना है, जिसके फलस्वरूप प्रदेश के प्रवासी तथा निवासी कामगारों व श्रमिकों को उनकी क्षमता के अनुरूप सेवायोजन एवं रोजगार दिया जा सके।
- ज्ञातव्य है की उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसके कामगारों और श्रमिकों के व्यापक हित में आयोग का गठन किया गया है।
- मुख्यमंत्री अथवा उनके द्वारा नामित कैबिनेट मंत्री आयोग के अध्यक्ष होंगे।
- श्रम एवं सेवायोजन मंत्री आयोग के संयोजक होंगे।
- आयोग के दो उपाध्यक्ष होंगे – औद्योगिक विकास मंत्री तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री।
- इसके अलावा कृषि मंत्री, ग्राम्य विकास मंत्री, पंचायतीराज मंत्री, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन, आयोग के सदस्य होंगे।
- अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आयोग के सदस्य सचिव होंगे।
- इसके अलावा, मुख्यमंत्री द्वारा नामित औद्योगिक संगठनों, श्रमिक संगठनों तथा उद्योगों के विकास एवं श्रमिक हितों में रुचि रखने वाले 5 जनप्रतिनिधि भी आयोग के सदस्य होंगे।
- आयोग में अध्यक्ष द्वारा नामित विशेष आमंत्री सदस्य भी होंगे।
- आयोग में गैर सरकारी सदस्यों में से महत्वपूर्ण औद्योगिक संगठनों के तीन एवं श्रमिक संगठनों के एक प्रतिनिधि मुख्यमंत्री द्वारा नामित किए जाएंगे, जिनका कार्यकाल 2 वर्ष का होगा।
- मुख्यमंत्री की अनुमति से इनके कार्यों के आधार पर इनके कार्यकाल को बढ़ाया जा सकेगा अथवा कार्यकाल अवधि पूर्ण होने पर या इस अवधि के मध्य भी ऐसे नामित सदस्य कभी भी अपने पद से हटाए जा सकेंगे।
संभावित प्रश्न
प्रश्न-16 जून, 2020 को उ.प्र. मंत्रिपरिषद द्वारा ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ के गठन का निर्णय लिया गया। इस आयोग के अध्यक्ष होंगे-
(a) मुख्यमंत्री अथवा उनके द्वारा नामित कैबिनेट मंत्री
(b) ग्राम्य विकास मंत्री
(c) श्रम एवं सेवायोजन मंत्री
(d) औद्योगिक विकास मंत्री
उत्तर-(a)
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