- केंद्र सरकार द्वारा 4 अक्टूबर, 2017 को नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत इलाहाबाद में कछुआ शरणस्थली विकसित करने और संगम पर नदी जैवविविधता पार्क विकसित करने को मंजूरी दी गई है।
- 1.34 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की इस परियोजना में गंगा-यमुना और सरस्वती के संगम पर नदी जैव विविधता पार्क विकसित किया जाएगा और कछुआ पालन केंद्र (त्रिवेणी पुष्प पर स्थायी नर्सरी तथा अस्थायी वार्षिक पालन) स्थापित किया जाएगा।
- यह परियोजना 100 प्रतिशत केंद्र पोषित है।
- गंगा नदी में घडि़याल, डॉलफिन तथा कछुए सहित 2000 जलीय प्रजातियां हैं जो देश की आबादी की 40 प्रतिशत की जीवन रेखा की समृद्ध जैव विविधता को दिखाती हैं।
- ध्यातव्य है की इलाहाबाद में गंगा और यमुना में विलुप्त हो रही कछुओं की प्रजातियां (बतागुर कछुगा, बतागुर धोनगोका, निल्सोनिया गैंगेटिका, चित्रा इंडिका, हरदेला टूरजी आदि) हैं।
संभावित प्रश्न
प्रश्न:- 4 अक्टूबर, 2017 को केंद्र सरकार द्वारा नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत कहा पर कछुआ शरणस्थली विकसित करने मंजूरी दी गई है?
(a) हरिद्वार (b) पटना
(c) वाराणसी (d) इलाहाबाद
उत्तर- (d)